National Talk Like Shakespeare Day [ शेक्सपियर दिवस की तरह राष्ट्रीय चर्चा]
23 अप्रैल को मनाया जाने वाला शेक्सपियर दिवस की तरह राष्ट्रीय चर्चा सनक और भाषाई उल्लास का दिन है, जो जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को अपने भीतर के भाव को प्रसारित करने और विलियम शेक्सपियर की मंत्रमुग्ध कर देने वाली भाषा में बातचीत करने के लिए आमंत्रित करता है। यह अनोखा और चंचल उत्सव नाटककार की स्थायी विरासत और अंग्रेजी भाषा में योगदान को श्रद्धांजलि देता है। इस लेख में, हम टॉक लाइक शेक्सपियर डे के इतिहास और महत्व के बारे में विस्तार से बताएंगे, शेक्सपियरियन शैली में बोलने के लिए सुझाव प्रदान करेंगे और बार्ड के कुछ सबसे यादगार उद्धरणों का पता लगाएंगे।
बार्ड का प्रभाव:
विलियम शेक्सपियर, जिन्हें अक्सर "बार्ड ऑफ एवन" कहा जाता है, भाषा की अपनी महारत और साहित्य में कुछ सबसे स्थायी और उद्धृत करने योग्य पंक्तियों को गढ़ने की उनकी क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं। "हैमलेट," "रोमियो एंड जूलियट," और "मैकबेथ" जैसे नाटकों सहित उनके कार्यों ने अंग्रेजी भाषा पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
शेक्सपियर दिवस की तरह बातचीत का महत्व:
- भाषाई चंचलता: यह दिन भाषाई रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है और लोगों को भाषा के साथ आनंद लेने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- शैक्षिक मूल्य: यह शेक्सपियर की शब्दावली, मुहावरों और अभिव्यक्तियों का पता लगाने का अवसर प्रदान करता है, जिससे शास्त्रीय साहित्य की सराहना को बढ़ावा मिलता है।
- शेक्सपियर के उद्धरण: प्रतिभागी अक्सर अपनी बातचीत में शेक्सपियर के प्रसिद्ध उद्धरणों का उपयोग करते हैं, जिससे उनके प्रवचन में गहराई और रुचि जुड़ जाती है।
शेक्सपियर की तरह बोलने के लिए युक्तियाँ:
- तू और वो: अधिक प्रामाणिक शेक्सपियरियन स्पर्श के लिए "आप" को "तू" और "तुम" से बदलें। उदाहरण के लिए, "आज आप कैसे हैं?"
- कविता का एक अंश: अपने भाषण को काव्यात्मक भाषा और लयबद्ध लय से भरें जो शेक्सपियर की कविता की विशेषता है।
- पुरानी अंग्रेज़ी को अपनाएँ: "प्रिथी" (कृपया), "फ़ोरसूथ" (वास्तव में), और "हार्क" (सुनें) जैसे पुराने शब्दों और वाक्यांशों को शामिल करें।
- संकुचनों का उपयोग: "यह है" और "नहीं है" जैसे संकुचनों को छोड़कर पूर्ण रूपों के पक्ष में, जैसे "यह है" और "नहीं है।"
- अतिशयोक्तिपूर्ण अभिव्यक्तियाँ: शेक्सपियर के पात्र अक्सर "मेथिंक्स" (मुझे लगता है) और "संभावना" (शायद) जैसी अतिरंजित अभिव्यक्तियों का उपयोग करते थे।
शेक्सपियर के यादगार उद्धरण:
- "होना या न होना, यही सवाल है।" - "हैमलेट" से
- "नाम में क्या रखा है? गुलाब को हम किसी और नाम से भी पुकारें तो उसकी खुशबू भी उतनी ही मीठी होगी।" - "रोमियो और जूलियट" से
- "सारी दुनिया एक मंच है, और सभी पुरुष और महिलाएं महज़ खिलाड़ी हैं।" - "ऐज़ यू लाइक इट" से
- "वीरता का बेहतर हिस्सा विवेक है।" - "हेनरी चतुर्थ, भाग 1" से
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