National Clerihew Day [राष्ट्रीय क्लेरिह्यू दिवस]
10 जुलाई को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय क्लेरिह्यू दिवस, मौलवियों की कला को समर्पित एक हल्का-फुल्का और साहित्यिक अवसर है। क्लेरिह्यू एक मनमौजी, चार पंक्तियों वाली कविता है जो किसी व्यक्ति का चंचलतापूर्वक वर्णन करती है, अक्सर हास्यप्रद या बेतुके परिणामों के साथ। यह दिन पादरी उत्साही लोगों की रचनात्मकता और बुद्धि का जश्न मनाने और हर किसी को कविता के इस अनूठे रूप में अपना हाथ आजमाने के लिए प्रोत्साहित करने के बारे में है। राष्ट्रीय क्लेरिह्यू दिवस के महत्व, इतिहास और चंचल भावना का पता लगाने के लिए हमसे जुड़ें।
1. क्लेरिह्यू की उत्पत्ति: क्लेरिह्यू का आविष्कार ब्रिटिश लेखक और हास्यकार एडमंड क्लेरिह्यू बेंटले ने 20वीं सदी की शुरुआत में किया था। इसकी विशेषता इसकी विशिष्ट चार-पंक्ति संरचना और हास्य सामग्री है।
2. क्लेरिह्यू की संरचना: एक पारंपरिक क्लेरिह्यू में AABB कविता योजना के साथ चार पंक्तियाँ होती हैं। पादरी का विषय आम तौर पर एक प्रसिद्ध व्यक्ति होता है, अक्सर एक हास्यपूर्ण मोड़ के साथ।
3. सनकी और मजाकिया छंद: क्लेरिह्यूज़ अपने हल्के और विनोदी लहजे के लिए जाने जाते हैं। वे अक्सर इस विषय पर चंचल और स्नेहपूर्ण तरीके से मज़ाक उड़ाते हैं।
4. प्रसिद्ध पादरी: कुछ सबसे प्रसिद्ध मौलवियों में सर आइजैक न्यूटन, चंगेज खान और फ्लोरेंस नाइटिंगेल जैसी ऐतिहासिक शख्सियतों के बारे में बातें शामिल हैं।
5. क्लेरिह्यूज़ बनाना: कोई भी व्यक्ति पादरियों को तैयार करने में अपना हाथ आज़मा सकता है। आपको बस एक विषय, थोड़ी शब्दावली और हास्य को अपनाने की इच्छा की आवश्यकता है।
6. राष्ट्रीय क्लेरिह्यू दिवस समारोह: इस दिन, कविता के प्रति उत्साही और महत्वाकांक्षी पादरी लेखक लेखन, साझा करने और पादरी का आनंद लेकर जश्न मनाते हैं।
7. क्लेरिह्यू प्रतियोगिताएं: कुछ संगठन क्लेरिह्यू प्रतियोगिताओं की मेजबानी करते हैं, जहां प्रतिभागी सबसे चतुर और मनोरंजक क्लेरिह्यू बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।
8. वर्डप्ले की सराहना: राष्ट्रीय क्लेरिह्यू दिवस साहित्य में शब्दों के खेल और हास्य की सराहना को प्रोत्साहित करता है। यह एक अनुस्मारक है कि कविता मजाकिया और मनोरंजक दोनों हो सकती है।
9. प्रेरणादायक विषय: पादरी के विषय ऐतिहासिक शख्सियतों और मशहूर हस्तियों से लेकर आम लोगों और काल्पनिक पात्रों तक हो सकते हैं।
निष्कर्ष :
राष्ट्रीय क्लेरिह्यू दिवस हल्के-फुल्के उत्सव का दिन है, जो हमें याद दिलाता है कि कविता को हमेशा गंभीर और गहरा होना जरूरी नहीं है। यह हर किसी को कविता की दुनिया में भी, चतुर शब्दों के खेल और हास्य को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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